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इतिहास

कर्नेलगंज गोंडा जिले का एक प्रमुख कस्बा और तहसील है, जो उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है और यह गोंडा जिले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कर्नेलगंज गोंडा जिले के अंतर्गत आता है, जो उत्तर प्रदेश राज्य के फैजाबाद मंडल का हिस्सा है। गोंडा जिले की सीमा उत्तर प्रदेश के अन्य प्रमुख जिलों जैसे बहराइच, बाराबंकी और श्रावस्ती से जुड़ी हुई है। कर्नेलगंज गोंडा शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है और इसका भौगोलिक स्थान इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और प्रशासनिक केंद्र बनाता है। कर्नेलगंज का नाम "कर्नल" और "गंज" शब्दों से मिलकर बना है। यह माना जाता है कि यह नाम ब्रिटिश काल के एक कर्नल अधिकारी के नाम पर रखा गया था। "गंज" शब्द का अर्थ बाजार या आवासीय क्षेत्र होता है, जिससे यह प्रतीत होता है कि कर्नेलगंज एक समय में ब्रिटिश अधिकारी के द्वारा स्थापित एक बाजार या छोटे कस्बे के रूप में अस्तित्व में आया था।


ब्रिटिश काल में गोंडा जिले का अहम स्थान था, और कर्नेलगंज भी एक महत्वपूर्ण सैन्य और प्रशासनिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ था। ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान कर्नेलगंज में ब्रिटिश अधिकारियों की उपस्थिति ने इसे एक प्रमुख सैन्य और व्यापारिक केंद्र बना दिया। भारत की स्वतंत्रता के बाद 1947 में कर्नेलगंज को उत्तर प्रदेश राज्य के प्रशासनिक ढांचे में समाहित किया गया। स्वतंत्रता के बाद कर्नेलगंज में विकास की प्रक्रिया तेज़ हुई, और यह गोंडा जिले का एक प्रमुख कस्बा बन गया।








जिले के बारे में

गोंडा जिला उत्तर प्रदेश राज्य के बृज क्षेत्र में स्थित एक प्रमुख जिला है। यह जिला उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है और इसकी सीमा बलरामपुर, बहराइच, बाराबंकी और अयोध्या जिलों से मिलती है। गोंडा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर भी अत्यधिक समृद्ध है, और यहाँ पर कई प्रसिद्ध स्थल और धार्मिक महत्व के स्थान हैं। गोंडा जिला उत्तर प्रदेश के बृज क्षेत्र में स्थित है, और यह जिला गोमती और घाघरा नदियों के बीच बसा हुआ है। यह जिले की भौगोलिक स्थिति को विशेष बनाती है, क्योंकि यहाँ की उपजाऊ भूमि कृषि के लिए उपयुक्त है। गोंडा जिले की आधिकारिक भाषा हिंदी है, और यहाँ की प्रमुख बोली अवधी है। गोंडा जिला मुख्य रूप से कृषि प्रधान क्षेत्र है। यहाँ की प्रमुख फसलें धान, गेहूँ, गन्ना, दलहन, तिलहन, और सब्जियाँ हैं। इसके अलावा, गोंडा में वस्त्र उद्योग, शिल्प उद्योग और हस्तशिल्प की भी अच्छी ख्याति है। गोंडा में विविध सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं, और यहाँ के लोग विशेष रूप से हिंदू त्योहारों जैसे दीवाली, होली, दुर्गा पूजा आदि को धूमधाम से मनाते हैं। इसके अलावा, गोंडा जिले में लोक गीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी बड़े पैमाने पर होता है।